ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुलदेवी का महत्व
नमस्ते
मै रविंद्र धुप्पड और नेहा पटेल आपका ASTRO SURYA चॅनल में स्वागत करते है
हमारे नये नये व्हिडिओ देखने के लिए चॅनल को Subscribe करीये
इस लेख के साथ हमने कुलदेवी का एक शॉर्ट व्हिडिओ भेजा है
कुलदेवी दोष, निवारण इसके बारे मे अधिक जानना चाहते हो तो यू ट्यूब पर हमारे 2 व्हिडिओ देख सकते हो
इस लेख मे हम कुलदेवी के बारे मे चर्चा करेंगे
आप कितनी भी पूजा पाठ कर लो… जब तक कुलदेवी या पितृ प्रसन्न नही होंगे तब तक कोई भगवान प्रसन्न नही होंगे
पुराने लोग शुभ कार्य के बाद कुलदेवी के दर्शन करने जाते थे
पर आज हम इतने व्यस्त हो गए है कि कुलदेवी के दर्शन के लिए हमे टाइम ही नहीं है
ब्रम्हांड में जितनी भी शक्ति है.. जितने भी तत्व है उसे आकर्षित करने का काम कुलदेवी के जप और तप से ही संभव है
अब हमें कैसा पता चलेगा कि कुंडली में कुलदेवी दोष है…?
आपके कुंडली में कोई भी स्थान में मंगल-केतू , मंगल-राहू है तो समझ जाए कि कुलदेवी दोष है
मंगल-राहू युती को कोई सज्जन पितृ दोष भी मानते हैं
अगर आपके पास कुंडली नही है तो आपको कैसा पता चलेगा कि आपको कुलदेवी दोष है…?
वो हम बताते हैं…
आपके परिवार में अगर किसी ने आत्महत्या की हो, कम उम्र में मौत हुई हो, कोई जल में डूबकर मरा हो, लव्ह मैरेज हुई हो, परिवार में किसी की शादी होने के बाद 4 साल में डिवोर्स हुआ हो,परिवार में माता-बहने को पीरियड यानी मासिक धर्म का प्रोब्लेम हो, घर मे आग लगी हो,किसी के शरीर पर सफेद दाग हो… ये सब कुलदेवी दोष के लक्षण माने जाते हैं
जिस व्यक्ति को कुलदेवी दोष होता है… उसे शादी के बाद कोई भी 4 साल संघर्ष करना पड़ता है
और ये संघर्ष साढ़ेसाती जैसा होता है
कुलदेवी का पूजन… नामस्मरण… ज्यादा तर अश्विन मास और चैत्र मास में हर घर में किया जाता है
इस नवरात्र में अष्टमी और नवमी को होम हवन किया जाता हैं
अष्टमी को प्रसाद के रूप में नारियल फोड़ा जाता है… वो उस दिन ना खाये… दूसरे दिन खाये
क्योंकि नारियल खाने से बुद्धि का नाश होता है… दरिद्रता का शाप लगता है
हमारा तो ये कहना है कि हर महीने में 2 अष्टमी आती है
अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की अष्टमी और पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष की अष्टमी
ये दोनों अष्टमी को नारियल के कोई भी पदार्थ का सेवन ना करें… जैसे नारियल का पानी, सूखा खोबरा, खोबरे से बनी हुई मिठाई, नारियल की चटनी.
ये हम भी कहते हैं और ब्रम्हवैवर्त पुराण में भी लिखा है
कुलदेवी को प्रसन्न करने के लिए कौनसे उपाय करने चाहिये… ये जानने के लिए यू ट्यूब पर हमारे 2 व्हिडिओ देखिये
नवरात्री में कन्या पूजन किया जाता है… कन्या पूजन के समय एक वर्ष की आयु वाली कन्या नही लेनी चाहिए
कुमारी वही कहलाती हैं जो कम से कम 2 वर्ष की हो चुकी हो… 3 वर्ष की कन्या को “त्रिमूर्ति”.. 4वर्ष की कन्या को ” कल्याणी” कहते हैं
5 वर्ष की कन्या को “रोहिणी”.. 6 वर्ष की कन्या को “कालिका”.. 7 वर्ष वाली को “चंडिका”… 8 वर्ष वाली को “शाम्भवी” और 9 वर्ष वाली को “दुर्गा”… और 10 वर्ष वाली को “सुभद्रा” कहा गया है
इससे उपर आयु वाली कन्या का पूजन नही करना चाहिए… ऐसा देवी भागवत में भी लिखा गया है
हिंदू धर्म के त्यौहार… हमारी श्रेष्ठ परंपरा… और नवग्रहों के बारे मे कुछ गलतफहमियां जानने के लिए हमारे नये नये व्हिडिओ देखते रहीये
रविंद्र धुप्पड- ज्योतिष.. हस्त रेखा
जलगांव- पूना
मो.9850023712
नेहा पटेल-हस्त रेखा… अंक शास्त्र
दिल्ली-पूना
मो.8698429589
राधे राधे
ReplyForward
|